दिन भी ठीक से नहीं गुजरता है
रात भी बहुत तडपाती है
क्या करू यार मै
तेरी ये याद बहुत आती है |
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एक दुसरे से दूर रहा नहीं जाता
और ये दूरियां सहा नहीं जाता
ये तो मेरी मजबूरी ही समझ
हर वक्त तुझसे बात करने को दिल चाहता है
मनीष पाण्डेय
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